मतलबी दुनिया शायरी इन हिंदी | sad matlabi log shayari rishte



 मतलबी दुनिया शायरी इन हिंदी sad matlabi log shayari rishte 


हेल्लो फ्रेन्ड मै आज आपके लिए एक बार फिरसे एक sad matlabi log shayari लेकर आया हू ऐह मत्लबी शायरी बहुत ही अच्छी है आपको भी sad matlabi log shayari पडके बहुत पसंद आएगी 


मूज्को छोड़कर जाने की वजह तो बताके जाव मूज्से नाराज थे या मूज जेसे हजारो थे





खूदा जाने कैसी नजर लग गय जमाने की अब वजह नही मिलती मूस्कूराने की मैरी तारीफ करने वाली पता नही कहा चली गए 




भाई ऐह दूनीया के सब लोग पैसो के पीछ्छे पडे है अगर हमारे पास पैसे होते है तो पापा मम्मी भाई बहेन पत्नी दोस्तो ऐह सब हमारे होते है क्यू के ऐह sad matlabi log shayar है अगर हमारे पास पैसे नही होते तोह ऐह सब लोग कोई हमारे नही है 




पैसे है तो सब कुच हमारा है पैसे नही है तो हमारा कूच भी नही है 《 matlabi paise ki duniya hai shayari 》ऐह मानव एक बार दिमाग से नही पर दिल से देख तूजे मत्लब नही प्यार ही प्यार नजर आऐगा 




बिना मत्लब के लोग हमारे सामने सिर नही जूकाता है 《 rishte matlabi shayari 》 अगर बाप के पास बेटा सर जूकाता है तो इस्मे भी बैटे का कूच ना कूच matlab जरूर होता है 


《 matlabi logo ke liye shayari 》 है खूदा तूमने दूनिया तो बनाई पर दूनिया मै मत्लबी लोग क्यू बनाऐ 《 matlabi logo ke liye shayari 》है दूनिया वालो एक बार बिना मत्लब से इस दूनिया के logo को देख तूजे सिफ्र प्यार ही नजर आऐगा 








तो फ्रेन्ड कैसी लगी मैरी sad matlabi log shayari मूजे पता है आपको sad matlabi log shayari बहुत पसंद आई होगी तो इस पोस्ट को अपने मित्रो को शेयर जरूर करना भाई

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ